आप सभी को विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामना और बधाई,
माघे शुकले त्रयोदश्यां दिवापुष्पे पुनर्वसौ।
अष्टा र्विशति में जातो विशवकमॉ भवनि च।।
महर्षि प्रभास वसु और वरस्त्री से कलाधिपति भगवान विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ हुआ था, इसलिए उन्हें वसु पुत्र विश्वकर्मा’ भी कहते है. उनकी माता वरस्त्री कोई साधारण स्त्री नहीं थीं, वो देवताओं के गुरु बृहस्पति की बहन थीं. उन्हें वेद पँडिता और योग सिद्धा भी कहा गया है. कहा जता है कि वो अपने अपने योग बल से आकाश मार्ग के द्वारा कहीँ भी आने-जाने में सक्षम थीं. विश्वकर्मा जी को बहुत सी विद्याओं का ज्ञान और कई तरह की सिद्धियां अपनी माता जी से ही प्राप्त हुई थीं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवशिल्पी विश्वकर्मा जी देवताओं के लिए महल, अस्त्र-शस्त्र, आभूषण आदि बनाने का काम करते हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा जी सृष्टि की रचना और विकास में ब्रह्मा जी की सहायता करते हैं. ऐसी लोक मान्यता है कि उड़ीसा में स्थित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की मूर्ति का निर्माण विश्वकर्मा जी ने ही किया था.
और आज ही के दिन 17 सितंबर को ही हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री Narendra Modi जी का जन्म दिवस मनाया जाता है. कांग्रेस के भ्रष्ट और घाटोलों से भरे शासनकाल में कभी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश की दशा बेहद खराब हो चली थी. सौभाग्य से देश की जनता ने सही समय पर कांग्रेस से सत्ता छीनकर मोदी जी को सौप दी. आज के दौर में नाराजगी है इनसे लेकिन रीसा रिसियाइल अपनो से ही अच्छा लगता है,
शिकायते तुझसे बहुत मोदी,पर ऐतवार भी तुझी पे है,
गद्दारो को निकलवाया बाहर माँ भारती को नाज तुझी पे है,।।
आलू से सोना जो निकाल दे उसपे कैसे हम विश्वास करे,।
तुम्ही पे आस, तुम्ही पे विश्वास, तुम्ही से रार तकरार भी है,।।
शिकायते भी तुम्ही से है, विश्वास भी तुम्ही पे है,।
शिकायते तुझसे बहुत मोदी, पर ऐतवार भी तुम्ही पे है,।।
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