गुरुवार, 18 अगस्त 2016

सहवास के नियम

सहवास की कुछ राते(few nights of lovemaking)-
मासिक स्राव रुकने से अंतिम दिन (ऋतुकाल) के बाद 4, 6, 8, 10, 12, 14 एवं 16वीं रात्रि के गर्भाधान से पुत्र तथा 5, 7, 9, 11, 13 एवं 15वीं रात्रि के गर्भाधान से कन्या जन्म लेती है-
चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है-
पाँचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी-
छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा-
सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी-
आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है-
नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है-
दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है-
ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है-
बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है-
तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है-
चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है-
पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है-
सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है-

सहवास से निवृत्त होते ही पत्नी को दाहिनी करवट से 10-15 मिनट लेटे रहना चाहिए एकदम से नहीं उठना चाहिए-

वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे प्रमुख दोष बताये गए है जिनके कारण संतान की प्राप्ति नहीं होती या वंश वृद्धि रुक जाती है इस समस्या के पीछे की वास्तविकता-क्या है इसका शास्त्रीय और ज्योतिषीय आधार क्या है ये आप अपनी जन्म कुंडली के द्वारा जानकारी प्राप्त कर सकते है-इसके लिए आप हरिवंश पुराण का पाठ या संतान गोपाल मंत्र का जाप करे-

पति-पत्नी दोनों सुबह स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ इस मंत्र का जप तुलसी की माला से करें-

संतान प्राप्ति गोपाल मन्त्र -

" ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।"

इस मंत्र का बार रोज 108 जाप करे और मंत्र जप के बाद भगवान से समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद पुत्र की कामना करें-

अपने कमरे में श्री कृष्ण भगवान की बाल रूप की फोटो लगाये या लड्डू गोपाल को रोज माखन मिसरी की भोग अर्पण करे-

कई बार प्रायः देखने में आया है की विवाह के वर्षो बाद भी गर्भ धारण नहीं हो पाता या बार-बार गर्भपात हो जाता है, ज्योतिष में इस समस्या या दोष का एक प्रमुख कारण पति या पत्नी की कुंडली में संतान दोष अथवा पितृ दोष हो सकता है या घर का वास्तुदोष भी होता है, जिसके कारण गर्भ धारण नहीं हो पाता या बार-बार गर्भपात हो जाता है-

पुत्र-प्राप्ति गणपति मन्त्र-

श्री गणपति की मूर्ति पर संतान प्राप्ति की इच्छुक महिला प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर एक माह तक बिल्ब फल चढ़ाकर इस मंत्र की 11 माला प्रतिदिन जपने से संतान प्राप्ति होती है-

'ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:'

1 टिप्पणी:

बहुत बहुत धन्यबाद आपका
https://www.facebook.com/gmdixit
twitter @gangadixit