शनिवार, 22 मई 2021

एक सत्य यह भी

विज्ञान कहता हैं कि एक नवयुवक स्वस्थ पुरुष यदि सम्भोग करता हैं तो उस समय जितने परिमाण में वीर्य निर्गत होतें है ...
उसमें बीस से तीस करोड़ शुक्राणु रहतें हैं ... यदि इन्हें स्थान मिलता , तो लगभग इतने ही संख्या में बच्चे जन्म ले लेते ..., 

वीर्य निकलते ही बीस तीस करोड़ शुक्राणु पागलों की तरह  गर्भाशय की ओर दौड़ पड़तें है ...

भागतें भागतें लगभग तीन सौ से पाँच सौ शुक्राणु पहुँच पातें हैं उस गंतव्य तक ... 

बाकी सभी भागने के कारण थक जातें है, बीमार पड़ जाते है.. और मर जातें हैं ..., 

और यह जो जितने डिम्बाणु तक पहुंच पायें उनमे सें  केवल मात्र एक ..., 

महाशक्तिशाली, पराक्रमी, परमवीर शुक्राणु ही डिम्बाणु को फर्टिलाइज करता है , यानी कि अपना आसन ग्रहण करता हैं ..., 

और यही परम वीर शक्तिशाली शुक्राणु ही आप हो , मैं हूँ , हम सब हैं ... 

कभी सोचा है अस्तित्व के लिए इस भीषण घमासान के विषय में ?

इस महान युद्ध के विषय में ?

आप उस समय भाग रहे थे ... 
तब.. जबकि आपकी आंखें नही थी , हाथ, पैर, सर , दिमाग....  कुछ भी नही था .. फिर भी आप विजयी हुए थे ... ,

आप तब दौड़े थे जब आप के पास कोई सर्टिफिकेट नही था .. ,
किसी नामी दामी कॉलेज का नाम नही था ... ,

आपकी कोई पहचान ही नही थी .. 

फिर भी आप जीत गए थे .... 

आप तब दौड़े थे जब आप न हिन्दू थे.. न मुसलमान.. न भक्त.. न भगवान ... 
फिर भी आप जीत गए .... 

बिना किसी से मदद लिए .., बिना किसी के सहारे, खुद अपने बलबूते पर विजय को प्राप्त हुए थे .. ,

उस समय आप भागे थे, दौड़े थे ...

जब आपका एक निर्दिष्ट गन्तव्य स्थल था.. उसी की ओर लक्ष्य था..

और आप का संकल्प बस उस तक पहुंचना था ... थके बिना एकाग्र चित्त से आप भागे दौड़े और उद्देश्य पूरा किये , अन्तोगत्वा गन्तव्य तक पहुंच गए .. 

बीस तीस करोड़़ शुक्राणुओं को आपने परास्त कर दिया ... हैं न ? 

और आज देखिए... ? 

थोड़ी बहुत भी तकलीफ या परेशानी आयी ...और आप घबड़ा जातें हैं .. निराश हो जातें है.. बेहाल होन जातें हैं ... 

वह इसलिए क्योकि आप अपने उस आत्मविश्वास को गँवा बैठते हैं.. ??

अभी तो सब हैं आप के पास... 
हाथ, पैर , मष्तिष्क , और अपना परिवार भाई बहन सब हैं ... 

मेहनत करने के लिए हाथ पैर हैं, 
प्लानिंग के लिए दिमाग हैं, बुद्धि विवेक हैं, शिक्षा हैं ... सहायता के लिए लोग हैं ...

फिर भी आप निराश हो.. अपना जीवन नरक बना बैठे हैं ... ,

जब आपका जीवन पुंज.. अपने प्रथम दिन के...अपने प्रथम युद्ध को नही हारा ...तो आज भी हार मत मानियेगा ..., 

आप और हम पहले भी जीतें थे , आज भी जीतेंगे और कल भी जीतेंगे ...ऐसा मुझे विश्वास हैं मुझ पर और आप पर .. ✨

- साभार 🙏

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